एक दिन पार्वती ने पीछे से आकर शिव की आंखे बंद कर दी. आंखे बंद करते ही सारी दुनिया में अंधेरा छा गया. अब दोबारा रोशनी करने के लिए सूर्य की जरूरत थी. ऐसे में सूरज को उगाने के लिए शिवजी ने अपनी तीसरी आंख खोली.
तीसरी आंख की चमक से निकली गर्मी इतनी तेज थी कि पार्वती की हथेलियों से पसीना टपकने लगा. पसीने से एक दाग पैदा हुआ. इस धब्बे का नाम अंधक पड़ा. अंधक का…