नंदन नीलेकणि को इंफोसिस का चेयरमैन बनाने के साथ ही कंपनी की किस्मत बदलने लगी है. नीलेकणि कंपनी के क्लाएंट्स और इन्वेस्टर्स दोनों के लिए फिर आइकॉनिक शख्सियत बनकर उभरे हैं. 2002 और 2007 के बीच जब वे कंपनी के सीईओ थे, उस समय कंपनी ने निवेशकों को 36 फीसदी का रिटर्न दिया था. इसीलिए उनके समय को कंपनी के लिए गोल्डन…