वाह ! फिर एक अप्रैल आ गया. मूर्खता को जश्न की तरह मनाने का पर्व.
लेकिन-क्या आपने कभी सोचा है कि मूर्ख दिवस से ही नए वित्त वर्ष का आरंभ
क्यों होता है? चूंकि आप लोग यह नहीं सोच पाए, इसलिए इतना विशिष्ट चिंतन
का जिम्मा मेरी खोपड़ी पर आ गया. तो लघु निबंध के रुप में…