इलाहाबाद हाईकोर्ट में बहस के दौरान पिछले सप्ताह न्यायमूर्ति शेखर यादव का एक बयान काफी चर्चाओं में रहा। चर्चा की वजह उनका हिंदी प्रेम था। बहस के दौरान उन्होंने दोनों तरफ के अधिवक्ताओं से हिंदी में जिरह करने को कहा और ये भी बोला कि मैं हिंदी में ही फैसला दूंगा। दरअसल, इस तरह की घटनाएं हिंदी के लिए लड़ने वालों को संबल देती हैं। ये देखकर दुख होता…