“राजा बैठे सिंहासन पर, यह ताजों पर आसीन कलम… मेरा धन है स्वाधीन कलम…” ये पंक्तियां है कवि सम्मेलनों के मंचों पर छाए रहने वाले कवि गोपाल सिंह नेपाली की, जिन्हें उनकी ओजस्वी रचनाओं के लिए सबसे अधिक याद किया जाता है. उनकी कविताओं ने देश ही नहीं, दुनियाभर में धूम मचाई. ऐसा कहा जाता है, कि सुप्रसिद्ध कवि जयशंकर प्रसाद नेपाली जी कविता ‘पीपल के पत्ते…