इंग्लैंड में 1983 विश्व कप के दौरान कोच न होने से कपिल देव की अगुवाई वाली भारतीय टीम को फायदा हुआ, क्योंकि ‘किसी का कोई दबाव नहीं था।’ भारत क्रिकेट के दिग्गज क्रिस श्रीकांत कहते हैं, जो उस ऐतिहासिक अभियान का हिस्सा थे, जिसने देश को 25 जून, 1983 को शक्तिशाली वेस्टइंडीज को हराकर लॉर्ड्स में अपनी पहली विश्व कप ट्रॉफी जीती थी।