यह जानकर आपको आश्चर्य होगा कि जिसे ‘हिंदी साहित्य का शेक्सपीयर’ कहा जाता है वो मूलतः तमिल भाषी था. यह बात और है कि उसका जन्म हिंदी प्रदेश में हुआ लेकिन उसकी मातृभाषा तमिल थी और उसने अपना पूरा जीवन हिंदी साहित्य के प्रगति में लगा दिया. यह शख्स महज 39 साल जिंदा रहा और 38…