मंटो, जिनकी कहानियों में बुरे के बाद अच्छा होने की आशा नहीं होती. जिसमें समाज का वहशीपन बिना किसी नरमी के साथ उभारा गया होता है. ऐसा लेखक जिसके अफसानों में अक्सर एक वाकया होता है जिसमें कुछ लोगों के साथ घटी किसी अनजानी और अंदर तक झकझोर देने वाली घटना को लिखा गया होता है. ऐसे में जरूरी था कि उनपर बनी फिल्म भी वैसी…