सत्रह साल की जिंदगी में, अपने ही घर जाते हुए कभी उसे इतनी घबराहट नहीं हुई थी. महसूस हो रहा था दिल सरक कर पेट में आ गया है. वो बाइक पर पीछे बैठे सर झुकाए भागती सड़क को ऐसे देख रहा था जैसे वो उसे मुसीबत से बचने का रास्ता बता रही हो. जिंदगी में ‘अब किस मुंह से घर जाऊ’ वाले हालत पैदा…