अक्टूबर 2017 में फोसुन फार्मा हैदराबाद की इस कंपनी में 86 फीसदी से अधिक हिस्सेदारी 1.1 अरब डॉलर में खरीदना चाहती थी जो उस समय चीन में भारत के सबसे बड़ा निवेश होता। लेकिन भारत सरकार ने भारतीय कंपनी द्वारा विकसित तकनीक के चीन के हाथों में पड़ने को लेकर आशंका जताई थी। जिसके बाद चीनी कंपनी ने 74 फीसदी हिस्सेदारी खरीदी। यह सौदे की घोषणा भारत और चीन की…