नई दिल्ली। हम अपने फोन को प्यार करते हैं और उससे भी ज्यादा सोशल एप्स को, जो हमारे दैनिक जीवन का एक अभिन्न हिस्सा बन चुके हैं। आसान शब्दों में कहे तो, हर एप के लिए हमें हर बार एक जैसा ही जटिल काम करना पड़ता है। सोचिए अगर हामरी सारी पसंदीदा एप्स केवल एक ही एप में मर्ज हो जाएं तो क्या…