सरकार का कहना है कि इस आवश्यक वस्तुओं की सूची से इन वस्तुओं को निकालने से किसानों की आमदनी तेजी से बढ़ सकेगी। किसानों को उनकी उपज की बेहतर कीमत मिलेगी। कारपोरेट जगत अब खुल कर इस दिशा में रूचि ले सकेंगे। हालांकि विपक्षी दलों का कहना है कि धीरे धीरे सब चीजें निजी क्षेत्र के हवाले की जा रही है। इससे आम आदमी महंगाई की चक्की में पिसेंगे।