घोष कहते हैं, वहां महिलाओं की बदतर स्थिति देखकर मेरी आंखों में आंंसू आ जाते थे. उनकी हालत इतनी बुरी होती थी कि उन्हें बीमार हालत में भी अपना पेट भरने के लिए मजदूरी करनी पड़ती थी. उन्होंने BRAC के साथ लगभग डेढ़ दशक तक काम किया और 1997 में कोलकाता वापस लौट आए. 1998 में उन्होंने विलेज वेलफेयर सोसाइटी के लिए काम करना शुरू कर दिया. यह संगठन लोगों को उनके…