सिमरनजीत सिंह/शाहजहांपुर: डर मुझे भी लगा था फासला देखकर. पर मैं बढ़ता गया रास्ता देखकर. खुद-ब-खुद मेरे नजदीक आती गई मेरी मंजिल. मेरा हौसला देखकर…. कुछ ऐसी ही कहानी है. शाहजहांपुर के 33 साल के नौजवान की जो आज से 17 साल पहले चंद रुपयों के लिए 18 से 19 घंटे काम किया करता था. और आज उसने हिम्मत और हौसले के दम पर कामयाबी हासिल की है और आज वह लोगों को रोजगार देने…