स्वतंत्रता दिवस पर इस कविता में एक शहीद के घर-परिवार की व्यथा बड़े मार्मिक व ह्रदय स्पर्शी शब्दों में की गयी है.
Independence Day Poem in Hindi
अश्रु निर्झर से बहे कहते हृदय की वेदना,
चेतना से शून्य मन गहरी मेरी संवेदना।
रो रही माँ भारती बेटे को जाता देख कर,
आ रहा माँ का दुलारा तिरंगे में….
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