एक घंटा पहले
- कॉपी लिंक
“आज शाम हमारी सारी मित्र मंडली फिल्म देखने जा रही है। तू आ रही है न? देख मना मत करना हमेशा की तरह,” रोशनी ने व्हाट्सएप चैट पर लिखा।
“नहीं,” छोटा-सा जवाब टाइप कर दिया मेखला ने।
“पर क्यों?”
“मन नहीं है। वैसे भी नोट्स बनाने हैं।”
“तेरा मन न हुआ कोई सुरंग हो जैसे। किसी को उसके भीतर न तो जाने देती है, न उससे बाहर निकलती है। हद होती है।…