2 घंटे पहले
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वह आई थी। नियत समय पर ही। जगह एकदम सुनसान थी, लेकिन फिर भी मेरे वहां बुलाने पर उसने एक बार भी एतराज नहीं किया था, कोई सवाल तक नहीं किया था कि आखिर सुनसान जगह मिलने का क्या औचित्य है जहां पहुंचने का रास्ता भी आसान नहीं है?
वीराने में उसका अकेले आना… किसी परेशानी या मुसीबत में भी घिर सकती है… पर उसने न कुछ कहा, न पूछा। मैंने उसे…