ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत रखा जाता है। जी हाँ और पंचांग के अनुसार इस बार प्रदोष व्रत में काफी अच्छा संयोग यानी शिव और सिद्धि योग बना रहा है। जी दरअसल इस बार रविवार के दिन प्रदोष होने के कारण इसे रवि प्रदोष व्रत कहा जा रहा है। आप सभी को बता दें कि प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव की विधि-विधान से पूजा-अर्चना की जाती है।…