हमारे भारतीय त्योहार और साहित्य का चोली-दामन का साथ है. कोई ऐसा त्योहार नहीं जिस पर खुलकर और खिलकर न लिखा गया हो. नजीर अकबराबादी ने तो करीब-करीब हर त्योहार का लयबद्ध डॉक्यूमेंटेशन किया है. देखिए किस तरह वो शब्दों से होली की तस्वीर खींच देते हैं:
‘मुंह लाल, गुलाबी आंखें हो…