नये जमाने में सबकुछ एकदम डिफरेंट है. नए कायदों में एक कायदा सोचने से पहले बोलने का है.
मन में आए तो बोलने के बाद सोच लीजिए कि क्या बोला था और हो सके तो मतलब भी पता कर लीजिए. लेकिन मामला वैकल्पिक है, इसलिए कोई इस चक्कर में नहीं पड़ता. जो बोल दिया वो बोल दिया, डोंट ट्राई…