
होली यानी प्रेम-मिलन और रंगो की मस्ती, लेकिन रंगों की इस मस्ती ने ब्रज की होरी को कब होली बना दिया पता ही नही चला.
होरी के लोकगीतों और पकवानों की मस्ती के अलावा होली की एक और परंपरा से मैं 5 साल की उम्र में रू-ब-रू हुई और उसके बाद से आज तक मुझे होली की मस्ती-मजाक और रंग अच्छे…