1934 में बनी 9 एमएम की ऑटोमैटिक बरेटा पिस्टल आधी दुनिया का रास्ता तय करके 30 जनवरी, 1948 को बिड़ला हाउस पहुंचती है. एक ब्रिटिश आर्मी के भारतीय लेफ्टिनेंट कर्नल वीवी जोशी के हाथों.
मुसोलिनी की सेना के एक अफसर के आत्मसमर्पण करने के बाद ये उससे छीनकर लाई गई थी. बाद में जोशी…