
उर्दू शायरी का नाम सुनते ही आज भी हमारे जेहन में जो चंद नाम सबसे पहले कौंधते हैं, उनमें मीर और ग़ालिब का ही खयाल आता है.
उर्दू शायरी को लोकप्रिय बनाने और सम्मान दिलाने का काम इन दोनों शायरों ने तब किया जब रेखता या उर्दू में की गई शायरी को नीची निगाह से देखा जाता था. तब यह…