मेरे लिये प्रेम उतना ही सहज है जितना धूप, बारिश ,बादल, पानी. प्रेम तो घटा की तरह उमड़ कर आता है, जिससे आप भीतर तक भीग जाते हैं.
बारिश की झिर-झिर जैसे सुनाई देती है, प्रेम आपके भीतर वैसे ही बजता है. मैंने हर दिन प्रेम किया है. मुझे राम रधुराई के सांवले रंग से प्यार है. मुझे कामदेव…