जिसने 22 साल की उम्र में संन्यास ले लिया हो और मोह-माया से मुक्त हो चुका हो वो इश्क की दास्तान क्या समझेगा प्यारे. सबकी अपनी अपनी जुबान है लेकिन उसकी एक ही जुबान है प्यारे. सीएम बनते ही जो कमिटमेंट योगी ने खुद से कर दिया उसके बाद अब वो खुद की भी नहीं सुन सकते. तभी उनके…