आधुनिक हिंदी में गहन वैचारिक रचनाओं के लिए विख्यात मुक्तिबोध आम जीवन में एक बहुत ही सरल व्यक्ति और ‘स्नेहिल पिता’ थे और ऐसे प्रतिबद्ध अध्यापक थे जो कक्षा खत्म होने की घंटी बजने के बावजूद बच्चों को पढ़ाते रहते थे.
मुक्तिबोध के जन्म शताब्दी वर्ष की समाप्ति पर उनके…