हमारी राजनीति में यात्राएं जनसमर्थन हासिल करने का सटिक मंत्र रही है। देश में गौतमबुद्ध, शंकराचार्य, गुरुनानक से लेकर महात्मा गांधी और विनोबा भावे तक की पदयात्रा का अपना स्वर्णिम इतिहास रहा है। महात्मा गांधी जब चला करते थे तो लोग जुड़ते चले जाते थे। वो कारवां इतना बड़ा हुआ करता था कि परिवर्तन की दिशा इस देश को आजादी में ले गई। हम सब जानते हैं…