बच्चे मन के सच्चे, सारे जग की आँख के तारे, ये वो नन्हें फूल हैं जो, भगवान को लगते प्यारे। ये गाना दो कलियाँ फिल्म का है और इसे यहां लिखने की खास वजह है। क्योंकि आज की खबर इसी से जुड़ी हुई है। बचपन के दिन हर कोई याद कर के उसमें जाना चाहता है क्योंकि बच्चे बचपन में अकेले नहीं होते। वो किसी न किसी को अपना साथी बना लेते है। कभी खिलौनों को तो कभी जनवरों…