‘कोई पत्थर से न मारे मेरे दीवाने को‘ ये गाना याद कर लिजिए खबर पढ़ते समय जरूर याद आएगा। लेकिन यहां बस दीवाने की जगह दीवानी है और पत्थर की जगह चप्पल से पिटाई हुई है। तो गाना कुछ ऐसा बन रहा है ‘कोई चप्पल से न मारे मेरी दीवानी को’ । मामला एकदम अलग टाइप का है और कूटने का अंदाज भी एकदम जुदा है।
ये जो चप्पल कुटाई की घटना है वो है मध्य…