‘बाटला हाउस’ के एक जरूरी सीन में यह दावा किया जाता है कि ये एक पक्षीय फिल्म नहीं है. इस दृश्य में कोर्टरूम दो पक्षों के लोग अपना-अपना पक्ष रख रहे होते हैं. लेकिन यह अजीब लगता है, क्योंकि पूरी फिल्म एक खास धारा में बहती है. यही नहीं, बाटला हाउस देखते वक्त आप जो भी अंदाजा लगाते हैं वह आगे चलकर सच साबित होता है. फिल्म…