रेप और यौन शोषण के मामलों में अब तक किए जाने वाले टू-फिंगर टेस्ट को आखिरकार पाकिस्तान की एक अदालत ने अवैध और असंवैधानिक करार दिया है। लाहौर हाई कोर्ट की चीफ जस्टिस आयशा मलिक ने इस मामले में फैसला सुनाया है। लंबे वक्त से इस रुढ़िवादी प्रथा का विरोध सामाजिक आंदोलनों के जरिए किया जा रहा था और पिछले साल मार्च में इसके खिलाफ एक याचिका दाखिल की गई…