आज के समय में बधिरअभिशाप नहीं, बल्कि समाज से हटकर कुछ अलग करने का जज्बा पैदा कर रहा है। जिसे लेकर जिंदगी को दोष देने के बजाय उसके साथ जीने का तरीका सीखना चाहिए। भगवान ने हर बच्चे को अलग काबिलयत से नवाजता है लेकिन कुछ बच्चों को कुछ ख़ास चीजे भी प्रदान करता है। बस आवश्यकता है उस काबलियत को निखारने की। अगर समाज का सही साथ मिले तो मूक-बधिर भी आसमान भी…