ब्रैंसन ने आगे लिखा, मेरे पिता के परिवार ने सुराग के तौर पर एक कागज छोड़ा था, जो 1700 के दशक में मद्रास, भारत तक जाता है. 1793 में मेरे तीसरे (थर्ड ग्रेट ग्रैंडफादर) दादा जॉन एडवर्ड ब्रैंसन ब्रिटेन से समुद्र के रास्ते भारत गए. छह महीने की यात्रा के बाद उनकी नाव केप ऑफ गुड होप का चक्कर काट हिंद महासागर में दाखिल हुई, वह दक्षिण पूर्व भारत पहुंचे. वहां वह…