2 घंटे पहले
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तेज बरसात की उस अंधेरी रात में जब बिजली की चमक और बादलों की गडगड़ाहट से सारा वातावरण भयानक हो रहा था, नम्रता ने उस कॉटेज नुमा बंगले की कॉल बेल बजा दी।
“कौन?” प्रोफेसर गिरीश ने कमरे की बत्ती जला दी।
“दरवाजा खोलिए,” घबराहट के कारण नम्रता के होंठ कांपने लगे।
“इतनी रात गए इस खराब मौसम में आप अकेली… एक अजनबी के घर..?”
“मनाली से लौटते…