आटा-दाल का भाव जोड़ने और जुटाने के फिक्रमंद इस देश में बहुत हैं. पढ़ाई-लिखाई से जीविका कमाने वाले ऐसे लोग जब किराने की दुकान की उधारी समय पर नहीं चुका पाते तो बेचारगी में उनके मुंह से निकलता है- ‘क्या करें! ‘लक्ष्मी’ और ‘सरस्वती’ में बैर होता है. ये दो देवियां किसी के घर…