जल, थल, वायु, अग्नि, आकाश और पृथ्वी ऐसा कोई स्थान नहीं जहां घोटाले ना हुए हों। साल 1951 का मूंदड़ा स्कैंडल हो या 1972 का मारुति घोटाला। थल पर आदर्श घोटाला, अग्नि में कोयला, वायु में अगस्ता वेस्टलैंड घोटाला, खेल में काॅमन वेल्थ, मीडिया में नेशनल हेराल्ड, युद्ध के रण में बोफोर्स। सभी स्थानों पर बस घोटाले ही घोटाले। सभी पंचतत्व में घोटाले का निवास। आजादी…